Check Bounce Case : चेक बाउंस पर RBI का नया नया फैसला जारी! अब नहीं चलेगी लापरवाही – जानें पूरा नियम

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Check Bounce Update 2025: अगर आप भी लेन-देन में चेक का उपयोग करते हैं, तो अब आपको बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने चेक बाउंस से संबंधित मामलों को लेकर और कड़ा कदम उठाया है। नया नियम अब पूरी तरह से लागू हो चुका है, और इसका असर सीधे व्यक्तिगत खाताधारकों, बिज़नेस मालिकों, और कॉर्पोरेट सेक्टर तक पर पड़ेगा।

चेक बाउंस से जुड़ी हिंदी खबरें?

RBI ने साफ कहा है कि बार-बार चेक बाउंस होना अब सिर्फ एक तकनीकी भूल नहीं, बल्कि एक गंभीर वित्तीय लापरवाही मानी जाएगी। अब बैंक इस पर तुरंत कार्रवाई करेगा, जिसमें अकाउंट होल्डर को चेतावनी से लेकर डेबिट फ्रीज, और क्रेडिट रिस्ट्रिक्शन तक का सामना करना पड़ सकता है।

क्या है नया नियम?

अगर किसी ग्राहक का चेक तीन बार बाउंस होता है, तो उसके खाते को संदिग्ध निगरानी सूची (Watchlist) में डाल दिया जाएगा। लगातार उल्लंघन पर बैंक खाता फ्रीज कर सकता है, जिससे पैसे निकालना संभव नहीं रहेगा। ऐसे खातों को “High-Risk Customer” की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। सभी रिपोर्टें अब सीधे RBI के सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम में भेजी जाएंगी।

ये बदलाव क्यों ज़रूरी थे?

पिछले कुछ वर्षों में जानबूझकर चेक बाउंस करने के मामले तेजी से बढ़े हैं। लोग बिना बैलेंस के चेक जारी करते हैं, जिससे सामने वाले व्यक्ति और पूरी बैंकिंग व्यवस्था को नुकसान होता है। RBI का मानना है कि अगर इस प्रवृत्ति को तुरंत रोका नहीं गया, तो इसका असर पूरे फाइनेंशियल सिस्टम पर पड़ेगा।

किन पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
  • वे लोग जो बिज़नेस ट्रांज़ेक्शन में चेक का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं।
  • छोटे व्यापारी, जिनके लेनदेन में अक्सर पोस्ट-डेटेड चेक होते हैं।
  • प्रॉपर्टी डीलर, बिल्डर, और किरायेदार, जो भुगतान के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं।
  • आम नागरिक जो उधार में चेक देते या लेते हैं।
बैंक की नई कार्यवाही प्रक्रिया
  • चेक बाउंस होते ही बैंक अब केवल SMS नहीं, बल्कि ऑफिशियल नोटिस भेजेगा।
  • एक से ज़्यादा बार बाउंस होने पर आपकी फाइनेंशियल सुविधाएं सीमित कर दी जाएंगी।
  • आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर भी असर पड़ेगा, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी हो सकती है।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जनजागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और RBI के सार्वजनिक दस्तावेज़ों पर आधारित है।

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