आधार कार्ड अब केवल एक पहचान पत्र नहीं रह गया है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक की डिजिटल पहचान बन चुका है। चाहे बैंक खाता खोलना हो, सरकारी सब्सिडी लेनी हो या फिर छात्रवृत्ति प्राप्त करनी हो हर सुविधा आधार से जुड़ी हुई है। इसी के मद्देनज़र UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसका सीधा असर 80 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड धारकों पर पड़ने वाला है।
25 सितंबर 2025 से नया नियम लागू?
सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, 30 जुलाई 2025 से आधार कार्ड में सुधार न कराने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। यदि आपने अभी तक अपने नाम, जन्मतिथि, पता या मोबाइल नंबर को अपडेट नहीं कराया है, तो आपका आधार सामयिक रूप से सस्पेंड हो सकता है। इससे आप सरकारी योजनाओं और बैंकिंग सेवाओं से वंचित रह सकते हैं।
किन लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा?
नए नियम का सबसे बड़ा प्रभाव उन नागरिकों पर पड़ेगा, जिनके आधार में कोई त्रुटि है या जिनकी जानकारी आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती। विशेष रूप से:-
1. वरिष्ठ नागरिक, जिनकी जन्मतिथि गलत है।
2. विद्यार्थी, जिन्हें सरकारी छात्रवृत्तियां मिलती हैं।
3. PM किसान, उज्ज्वला और राशन कार्ड योजना के लाभार्थी।
4. ऐसे लोग जिनका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जीवाड़े को खत्म करना है। सरकार ने पाया कि बड़ी संख्या में नागरिकों के आधार में गलत जानकारियाँ दर्ज हैं, जिससे योजनाओं का लाभ सही लोगों तक नहीं पहुंच रहा था। इसी को रोकने के लिए यह कठोर लेकिन जरूरी कदम उठाया गया है।
क्या करें आम नागरिक?
UIDAI और सरकार ने नागरिकों के लिए मुफ्त अपडेट की सुविधा उपलब्ध कराई है, लेकिन यह सुविधा 14 सितंबर 2025 तक ही सीमित है। इसके बाद अपडेट के लिए शुल्क देना होगा।
Disclaimer: यह लेख पूरी तरह से सार्वजनिक स्रोतों और UIDAI के दिशानिर्देशों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले आप आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in पर जाकर जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।