Check Bounce News : चेक बाउंस हुआ तो सीधे जेल और दोगुना जुर्माना, जानिए पूरे नियम और बचने का सटीक तरीके।

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Check Bounce News : आज के समय में डिजिटल पेमेंट्स और UPI ने भले ही पैसे के लेन-देन को आसान बना दिया हो, लेकिन चेक की उपयोगिता अब भी खत्म नहीं हुई है। बड़े व्यापारिक सौदों, किराया भुगतान या जमीन-जायदाद की डील में चेक को अब भी एक भरोसेमंद माध्यम माना जाता है। लेकिन अगर आपने किसी को चेक दिया और वह बाउंस हो गया, तो यह केवल तकनीकी गलती नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध बन चुका है। नए नियमों के तहत अब ऐसे मामलों में जेल की सजा और दोगुना जुर्माना जैसी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

चेक बाउंस क्यों होता है?

जब आप किसी को चेक देते हैं और वह बैंक में जमा करने के बाद क्लियर नहीं होता, तो इस स्थिति को ‘चेक बाउंस’ कहा जाता है। यह कई कारणों से हो सकता है,जैसे कि आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना, चेक पर गलत हस्ताक्षर होना, चेक का पुराना या फटा हुआ होना, या फिर तारीख में गलती होना। भले ही यह गलती जानबूझकर न की गई हो, लेकिन कानून के नजरिए से यह एक आपराधिक कृत्य माना जाता है।

नए नियम और सजा का प्रावधान?

सरकार ने चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस अपराध के लिए कानून को और ज्यादा सख्त बना दिया है। अब अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो भले ही यह पहली बार हो, फिर भी आपको दो साल तक की जेल हो सकती है। इतना ही नहीं, कोर्ट आपके ऊपर चेक की रकम का दोगुना जुर्माना भी लगा सकता है। अगर शिकायतकर्ता ने कोर्ट में केस दर्ज किया और आरोपी दोषी पाया गया, तो गिरफ्तारी भी संभव है।

चेक बाउंस पर शिकायत कब और कैसे दर्ज की जाती है?

अगर आपके साथ चेक बाउंस की घटना घटती है, तो कानून आपको उचित कार्रवाई करने का पूरा अधिकार देता है। सबसे पहले, चेक बाउंस होने के 30 दिनों के भीतर आपको एक लिखित नोटिस जारीकर्ता को भेजना होता है, जिसमें उसे भुगतान करने के लिए कहा जाता है। यदि वह व्यक्ति 15 दिनों के अंदर भुगतान नहीं करता, तो आप अगले 30 दिनों के भीतर कोर्ट में केस फाइल कर सकते हैं। लेकिन अगर आप समय-सीमा का पालन नहीं करते हैं, तो मामला खारिज भी हो सकता है।

चेक बाउंस से कैसे बचा जा सकता है?

चेक बाउंस की स्थिति पूरी तरह से टाली जा सकती है अगर आप कुछ सामान्य सावधानियां बरतें। सबसे पहली बात चेक जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पर्याप्त राशि मौजूद हो। इसके अलावा, सही हस्ताक्षर, स्पष्ट तारीख, और साफ-सुथरा चेक इस्तेमाल करें। यदि आप पोस्ट-डेटेड चेक दे रहे हैं, तो उस तारीख तक खाते में बैलेंस बना रहे, यह भी सुनिश्चित करें। इस तरह की सावधानियां आपको कानूनी पचड़ों और सामाजिक शर्मिंदगी से बचा सकती हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है। यदि आप चेक बाउंस या किसी अन्य कानूनी मुद्दे से जुड़े हैं, तो कृपया किसी योग्य वकील या अधिकृत सलाहकार से संपर्क करें।

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