Minimum Balance Limit: बैंक खाता रखने वालों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। पहले जहां अलग-अलग बैंकों की ओर से मिनिमम बैलेंस की लिमिट तय की जाती थी, वहीं अब इस नियम में बड़ी राहत दी गई है। अकाउंट होल्डर्स को हमेशा यह डर बना रहता था कि अगर खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहा तो पेनल्टी लग सकती है। लेकिन अब इस झंझट से छुटकारा मिलने वाला है। बैंकिंग सेक्टर की इस नई व्यवस्था के तहत ग्राहकों को खाते में ज्यादा पैसा रखने की मजबूरी नहीं होगी, बल्कि बहुत ही कम बैलेंस पर भी अकाउंट एक्टिव रहेगा।
मिनियम बैलेंस में नया बदलाव?
नई गाइडलाइन के मुताबिक अब कई प्रमुख बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट को हटा दिया है। यानी ग्राहकों को अपने खाते में बड़ी रकम फंसा कर रखने की ज़रूरत नहीं होगी। बैंकिंग सेवाएं पहले की तरह मिलेंगी, बस अब पेनल्टी का डर खत्म हो जाएगा।
अब कितने पैसे रखना होगा?
कुछ बैंकों ने पूरी तरह से मिनिमम बैलेंस हटाया है। वहीं कई बैंकों में सिर्फ ₹500 से ₹1000 बैलेंस रखना काफी होगा। ग्रामीण और जनधन खातों में ग्राहकों से बिल्कुल भी बैलेंस की शर्त नहीं होगी।
किन-किन बैंकों में बदलाव हुआ?
सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों ही बैंकों में यह बदलाव लागू किया गया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) – बचत खातों में अब मिनिमम बैलेंस की कोई लिमिट नहीं।
HDFC, ICICI और Axis Bank – सिर्फ ₹500 से ₹1000 बैलेंस पर अकाउंट एक्टिव।
जनधन और ग्रामीण बैंक खाते – ज़ीरो बैलेंस पर भी मान्य।
ग्राहकों को क्या फायदे होंगे?
- पेनल्टी का डर खत्म होगा।
- खाते में पैसा रखने की मजबूरी नहीं रहेगी।
- जरूरत पड़ने पर पूरी रकम निकालने की सुविधा।
- ज्यादा लोगों को बैंकिंग से जुड़ने का मौका मिलेगा।
Disclaimer : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी समय-समय पर बदल सकती है, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से जानकारी अवश्य लें।